क्या मुसलमानों को मोदी अब कबूल हैं, इसका टेस्ट 24 मई को होने वाला है
84 सीटों वाले मालेगांव नगर निगम में बीजेपी ने आधे से ज्यादा मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं। इस बार भाजपा को उम्मीद है कि खाता जरूर खुलेगा।
84 सीटों वाले मालेगांव नगर निगम में बीजेपी ने आधे से ज्यादा मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं। इस बार भाजपा को उम्मीद है कि खाता जरूर खुलेगा।
मोदी के जादू का ‘मालेगांव’ टेस्ट होने वाला है। इस बार बीजेपी ने वो किया है जो पिछले 37 साल में भाजपा ने नहीं किया। मुसलमान वोटर के बीच में मोदी मैजिक को परखने का इरादा भाजपा का है । ऐसा करने के लिए महाराष्ट्र के मालेगांव में होने वाले नगर निगम चुनाव को सैंपल की तरह चुना गया है। 84 सीटों वाले नगर निगम में बीजेपी ने आधे से ज्यादा मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं।
कुल 45 उम्मीदवार कमल निशान पर अपनी किस्मत आजमाएंगे। मुसलमानों के बीच भाजपा का ये टेस्ट 24 मई को होने वाला है। 24 मई को ही मालेगांव में वोट डाले जाएंगे। भाजपा के महाराष्ट्र के एक नेता ने बताया इस बार पार्टी मुस्लिम बहुल इस सीट पर अपनी ताकत परखना चाहती है। मालेगांव ऐसा इलाका है जहां मुसलमान वोटर ही फैसला करते हैं। कितना भी ध्रीकरण हो जाए सिर्फ हिंदू वोट से चुनाव नहीं जीता जा सकता। इसलिए भाजपा ने अपनी पूरी रणनीति ही बदल दी है। इसलिए भाजपा ने 45 उम्मीदवारों को अपनी पार्टी का टिकट दिया है। इस छोटे से चुनाव में भाजपा बड़ी परीक्षा करना चाहती है। भाजपा के कुछ नेता मानते हैं कि तीन तलाक के मुद्दे को जिस आक्रमक तरीके से भाजपा ने उठाया है उससे मुस्लिम महिलाओं का वोट उन्हें मिल सकता है। पिळी बार यहां 2012 में निगम चुनाव हुए थे, भाजपा ने 24 उम्मीदवार उतारे थे लेकिन हर सीट पर भाजपा हारी। 12 उम्मीदवारों की तो जमानत जब्त हो गई थी। इस बार भाजपा को उम्मीद है कि खाता जरूर खुलेगा। एक और वजह है जिससे भाजपा को मालेगांव में सफलता मिलने की उम्मीद है।
यहां भाजपा का मुकाबला कांग्रेस, शिवसेना, एनसीपी और ओवैसी की पार्टी से है। जंग चौतरफा है इसलिए मुस्लिम वोट बंटने की पूरी उम्मीद है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने 37 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. कांग्रेस ने 73 उम्मीदवारों को टिकट दिया है। इस बार एनसीपी और जनता दल(सेक्युलर) में गठबंधन हुआ है। इस अलायंस ने 66 कैंडिडेट उतारे हैं. शिवसेना के 25 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. इनके बीच से अगर भाजपा के उम्मीदवार जीते तो मुसलमान इलाके में भाजपा की ये पहली जीत मानी जाएगी।