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100 देशों पर साइबर हमला रुक जाता अगर एक भारतीय की बात मान लेते

डॉक्टर कृष्णा लंदन के नेशनल अस्पताल में न्यूरोलोजी रजिस्ट्रार हैं। डॉक्टर ने दस मई को ही ब्रिटिश मेडिकल जर्नल के जरिए चेतावनी दे दी थी कि साइबर हमला हो सकता है।

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डॉक्टर कृष्णा लंदन के नेशनल अस्पताल में न्यूरोलोजी रजिस्ट्रार हैं। डॉक्टर ने दस मई को ही ब्रिटिश मेडिकल जर्नल के जरिए चेतावनी दे दी थी कि साइबर हमला हो सकता है।

अगर भारतीय मूल के एक डॉक्टर की बात सुन लेते तो ब्रिटेन समेत पूरी दुनिया सबसे बड़े साइबर हमले से बच सकती थी । लंदन के डॉक्टर कृष्णा चिंतापल्ली ने सबसे पहले ब्रिटेन सरकार को सावधान किया था कि उनका नेशनल हेल्थ सर्विस सिस्टम हैक हो सकता है। डॉक्टर कृष्णा लंदन के नेशनल अस्पताल में न्यूरोलोजी रजिस्ट्रार हैं। डॉक्टर ने दस मई को ही ब्रिटिश मेडिकल जर्नल के जरिए चेतावनी दे दी थी कि साइबर हमला हो सकता है।

उन्होंने उदाहरण के तौर पर एक घटना का जिक्र किया था “जब कैंब्रिज के पास पैपवर्थ अस्पताल की नर्स ने जब एक लिंक पर क्लीक किया तो उसका कंप्यूटर खराब हो गया और संवेदनशील फाइल में गड़बड़ी आ गई। उस अस्पताल की किस्मत अच्छी थी कि इस घटना से ठीक पहले सभी फाइल का बैकअप लिया जा चुका था। साइबर हमला होने से दो दिन पहले ही डॉक्टर कृष्णा ने पत्रिका में लिखा, हमें तैयार रहना चाहिए। इसी साल कई अस्पतालों पर हमला होगा और सिस्टम शटडाउन होंगे।” अगर ब्रिटेन की सरकार डॉक्टर कृष्णा की बात को सुनती तो नुकसान कम होता। इस वक्त ब्रिटेन और भारत समेत दुनिया के कई देशों के अस्पताल इंटरनेशल साइबर अटैक के शिकार हो गए हैं। मरीजों की सर्जरी रद्द करनी पड़ रही है। डॉक्टरों के साथ पहले से तय हुई मुलाकात का रिकॉर्ड उड़ गया है। ऐसा सिर्फ एक दो देश में नहीं करीब 100 देशों में हुआ। अमेरिका, भारत, चीन, रूस, स्पेन में भी इस हमले का असर देखा जा रहा है।

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