मोदी सरकार का फैसला जिससे गोहत्या हमेशा के लिए रुकेगी
केंद्र सरकार के आदेश में साफ लिखा है कि अब देश भर में गाय, भैंस, बछड़े, बैल और ऊंट जैसे बड़े जानवरों को मारने के लिए खरीदा या बेचा नहीं जाएगा। कसाईघर में अब गाय, बैल, बछड़े, भैंस की एंट्री पर ही रोक लग गई है।
केंद्र सरकार के आदेश में साफ लिखा है कि अब देश भर में गाय, भैंस, बछड़े, बैल और ऊंट जैसे बड़े जानवरों को मारने के लिए खरीदा या बेचा नहीं जाएगा। कसाईघर में अब गाय, बैल, बछड़े, भैंस की एंट्री पर ही रोक लग गई है।
तीसरी सालगिरह पर मोदी सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया जिसका असर आने वाले कई सालों तक महसूस होगा। गोहत्या रोकने के लिए ये अब तक का सबसे बड़ा और कड़ा फैसला है। अब तक देश में गोहत्या रोकने के लिए जितने प्रयास हुए ये कोशिश सबसे ज्यादा दमदार है। केंद्र सरकार ने एक ऐसा कानून बना दिया है जिसके बाद मारने के लिए ना गाय खरीदी जा सकेगी ना भैंस। काटने के लिए ना बछड़े बेचे जाएंगे ना ही ऊंट।
केन्द्र सरकार ने मांस के लिए मवेशियों की खरीद बिक्री पर रोक लगा दी है। केंद्रीय वन एंव पर्यावरण मंत्रालय ने पशुओं के साथ अत्याचार रोकने वाले कानून में बदलाव कर ये नया नियम बनाया है और 26 मई को इस आदेश का नोटिफिकेशन भी जारी हो। केंद्र सरकार के आदेश में साफ लिखा है कि अब देश भर में गाय, भैंस, बछड़े, बैल और ऊंट जैसे बड़े जानवरों को मारने के लिए खरीदा या बेचा नहीं जाएगा। कसाईघर में अब गाय, बैल, बछड़े, भैंस की एंट्री पर ही रोक लग गई है। पशु बाज़ार में अब ये मवेशी कटने के लिए नहीं बिकेंगे। बाज़ार से कोई भी कसाई गाय, बैल, बछड़े या भैंस नहीं खरीद पाएगा। धार्मिक मकसद से इन पशुओं की बलि पर भी रोक लगा दी गई है। नियम में फेर बदलकर इस गाय, भैंस, बैल. बछड़े, ऊंट को मारने के लिए बाज़ार से खरीदने के काम को गैरकानूनी बनाया गया है। नये नियम के मुताबिक पशु बाज़ार चलाने वालों को ये तय करना होगा कि वहां बिकने वाले ये मवेशी कसाईघर नहीं भेजे जाएंगे। जो अपनी गाय, बैल या बछड़े बेचेगा उसे अपने पहचान पत्र की एक कॉपी जमा करानी होगी साथ ही एक हलफनामे पर दस्तखत करना होगा कि उसने मवेशी को कसाई के हाथ नहीं बेचा है।
नये नोटिफिकेशन में लिखा है कि गाय, बैल, बछड़े या भैंस की खरीद बिक्री सिर्फ किसानों के बीच होगी, कसाई वहीं नहीं आएंगे। जो गाय, भैंस, बैल या बछड़े खरीदेगा उसे भी लिखकर देना होगा कि अगले छह महीने तक वो मवेशी की सेवा करेगा। उसे पालेगा, बेचेगा नहीं। एक राज्य से दूसरे राज्य में मवेशी ले जाए जाते थे। पूरा गैंग काम करता था। इसे रोकने के लिए भी फैसला हुआ है। अब राज्य के बॉर्डर से 25 किलोमीटर दूर तक पशुओं का बाज़ार नहीं लगेगा। अब तक देश के बीस से ज्यादा राज्यों में गोहत्या पर पाबंदी थी। लेकिन भैंस का मांस बेचने या भांस काटने पर बैन नहीं लगा था। इसी आड़ में गोहत्या भी होती थी और बीफ बेचा जाता था, होटल में बीफ परोसा भी जाता था। लेकिन अब सरकार ने कत्ल के लिए भैंस की बिक्री पर भी रोक लगा दी है। अब कसाईघर चलानेवालों के पास एक ही रास्ता बचा है। उन्हें मवेशी खुद पालने पड़ेंगे, वो किसानों से गाय, भैंस या बछड़े खरीद नहीं सकेंगे। अब तक देश के कसाईघर में 100 में से 99 मवेशी किसान या पशु बाज़ार से ही खरीदकर आते थे। अब इसी पर रोक लगा दी गई है। मतलब जब गाय कसाईघर पहुंचेगी नहीं तो गोहत्या अपने आप रुक जाएगी।