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मोदी को गुजरात दंगे के केस में क्लीन चिट देने वाले ‘दूसरे मोदी’ एनआईए चीफ बने

जिस अफसर के नेतृत्व में गुजरात दंगा केस की जांच हुई थी। जिस एसआईटी के सामने नरेंद्र मोदी को पेश होना पड़ा था, उस एसआईटी के चीफ वाईसी मोदी को मोदी सरकार ने NIA( (नेशनल इनवेस्टीगेशन एजेंसी)का चीफ बनाया है।मोदी सुप्रीम कोर्ट द्वारा बानी 2002 के गुजरात दंगों के जांच दल (एसआईटी) का हिस्सा रह चुके हैं। एसआईटी ने नरेंद्र मोदी को दंगों से जुड़े गुलबर्ग सोसाइटी हत्याकांड के मामले में क्लीन चिट दी थी जो उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे। वाई.सी. मोदी की नियुक्ति का निर्णय गृह मंत्रालय के प्रस्ताव पर अपाइंटमेंट्स कमेटी ऑफ द कैबिनेट द्वारा सोमवार को लिया गया। वाई सी मोदी, शरद कुमार की जगह लेंगे जो 30 अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं। कार्यभार संभालने की प्रक्रिया को सहज बनाने के लिए एनआईए के नवनियुक्त महानिदेशक तत्काल प्रभाव से एक विशेष अधिकारी के रूप में एनआईए से जुड़ेंगे।
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के एक आदेश के मुताबिक, मोदी 31 मई, 2021 तक इस पद पर रहेंगे। 1984 के असम-मेघालय बैच के आईपीएस अधिकारी मोदी राष्ट्रीय जांच एजेंसी का प्रभार ऐसे समय में संभालेंगे, जब एजेंसी पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी समूहों द्वारा जम्मू-कश्मीर के अलगाववादियों और पत्थरबाजों को मिलने वाले फंड के मामले की जांच कर रही है।
वह वर्तमान में सीबीआई के विशेष निदेशक हैं। उन्हें 2015 में सीबीआई का अतिरिक्त निदेशक नियुक्त किया गया था। हरियाणा कैडर के 1979 बैच के आईपीएस अधिकारी शरद कुमार को 30 जुलाई 2013 को एनआईए प्रमुख नियुक्त किया गया था।

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