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पाकिस्तान का ‘पांच हजारी प्लान’ जिससे वो अमेरिका को धोखा देगा

पाकिस्तान में आतंकवाद खत्म करने के लिए अमेरिका ने एक अरब रुपये देने का वादा पाकिस्तान को किया है।

Pakistan has frozen the accounts of 5,000 suspected terrorists आज की रिपोर्ट समाचार 

पाकिस्तान में आतंकवाद खत्म करने के लिए अमेरिका ने एक अरब रुपये देने का वादा पाकिस्तान को किया है।

आखिरकार पाकिस्तान ने आतंकवादियों के बैंक खातों पर एक्शन लिया और एक दिन में 5000 संदिग्ध बैंक खाते बंद कर दिए गए। इन बैंक खातों में करीब 19 करोड़ रुपए जमा थे, जिसे सीज़ कर लिया गया है।
अब आपको बताते हैं आतंकवादियों को पालने पोसने वाले पाकिस्तान ने ये कार्रवाई क्यों किया? 
इस वक्त पाकिस्तान पर जबरदस्त दवाब है। अमेरिका से लेकर अफ्रीका तक के देश पाकिस्तान को आतंकवादियों का दोस्त मानता है। अमेरिका के नए राष्ट्रपति ट्रंप ने पाकिस्तान को दिए जाने वाले करोड़ों डॉलर की मदद पर शर्त लगा दी है। अगर पाकिस्तान आतंकवादियों के खिलाफ एक्शन नहीं लेगा तो अमेरिकी डॉलर नहीं मिलेंगे। पाकिस्तान सरकार की खुफिया रिपोर्ट कहती है कि अगर अमेरिका ने पाकिस्तान को डॉलर देने बंद कर दिए तो पाकिस्तान बर्बाद हो जाएगा। पाकिस्तान के पास इतने पैसे भी नहीं बचेंगे कि एक साल का खर्चा उठा सके। इसलिए पाकिस्तान ने मजबूरी में आतंकवादियों के खाते सील कर दिए हैं।
 पाकिस्तान का एक्शन भारत के लिए खुशखबरी? 
पाकिस्तान में भारत के तीन दुश्मन पल रहे हैं। पहला दुश्मन है लश्कर ए तैयबा, जिसका चीफ हाफिज़ सईद हाउस अरेस्ट है। दूसरा दुश्मन है जैश ए मोहम्मद है। जिसका मुखिया मसूद अज़हर पाकिस्तान सरकार को भी ढूंढने से नहीं मिल रहा । तीसरा दुश्मन है दाऊद इब्राहिम जो कराची शहर में रहता है। भारत में आतंकवादी घटनाओं के पीछे इन्हीं तीन मोस्ट वांटेड का सबसे ज्यादा हाथ है। पाकिस्तान की सरकार इनके संगठन से जुड़े बैंक खाते बंद करती है। लेकिन इससे पहले ही ये आतंकवादी नया खाता खोलकर अपना सारा पैसा उसमें ट्रांसफर कर देते हैं। इस बार भी ऐसा ही हुआ है, इसलिए पाकिस्तान की सरकार को 5 हजार खातों में सिर्फ 19 करोड़ रुपए मिले।
आप सुनकर चौंक जाएंगे कि पाकिस्तान में आतंकवाद खत्म करने के लिए अमेरिका ने एक अरब रुपये देने का वादा पाकिस्तान को किया है। पाकिस्तानी संसद ने साल 2013 में नेशनल काउंटर टेररिज्म अथॉरिटी बनाई। इस एजेंसी का काम आतंकवाद का खात्मा है। इस एजेंसी का बजट 1.7 मिलियन डॉलर है।  लेकिन असलियम कुछ और है। एक अरब रुपए के बजट वाली एजेंसी के पास सिर्फ 25 स्टाफ हैं। इसमें ड्राइवर भी शामिल हैं। सरकार ने वादा किया था कि 800 स्टाफ की मजबूत टीम बनाई जाएगी। लेकिन अभी 25 लोगों की टीम को पूरे पाकिस्तान से आतंकवादी ढूंढने हैं। आतंकवादियों की लिस्ट बनानी है। ये सिर्फ एक मजाक ही लगता है। लगता है पाकिस्तान एक बार फिर धोखा देने की तैयारी कर रहा और इस बार अमेरिका से डॉलर लेने के लिए एक्सन लिया जा रहा है। सच्चाई है कि पूरी दुनिया में आतंकवादियों की डर्टी मनी पर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स नज़र रखती है। इस बार स्पेन में FATF की बैठक होने वाली है। इस बैठक में आतंकवादियों की मदद करने वाले देशों की पहचान की जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी ने रूस में साफ कहा कि उन देशों पर बैन लगना चाहिए जो आतंकवादियों को पैसे देते हैं। अगर पाकिस्तान का नाम ब्लैक लिस्ट में आ  गया तो पाकिस्तान कंगाल हो जाएगा। कंगाली से बचने के लिए ही पाकिस्तान ने आतंकवादियों के खाते सील करने शुरू कर दिए हैं।
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