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तीन तलाक की सुनवाई के पहले दिन किसने क्या दलील दी?

क्या तीन तलाक धार्मिक मसला है? क्या तीन तलाक इस्लाम का बुनियादी हिस्सा है ?

आज की रिपोर्ट देश समाचार 

क्या तीन तलाक धार्मिक मसला है? क्या तीन तलाक इस्लाम का बुनियादी हिस्सा है ?

तीन तलाक पर सुनवाई का पहला दिन सियासत और वकालत दोनों करने वाले नेताओं के नाम रहा। कांग्रेस के कपिल सिब्बल तीन तलाक का समर्थन करते दिखे । वो मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वकील है। कांग्रेस के ही सलमान खुर्शीद इस मामले में न्यायमित्र नियुक्त किए गए हैं लेकिन वो भी तीन तलाक का ही साथ देते दिखे। तीन तलाक का विरोध सिर्फ मोदी सरकार के वकील ने किया। लेकिन मुख्य न्यायाधीश की एक टिप्पणी ने तीन तलाक का साथ देने वालों को शांत कर दिया।

तीन तलाक पर चीफ जस्टिस ने क्या कहा?

जस्टिस खेहर ने कहा, संविधानिक बेंच ये तय करेगी कि क्या तीन तलाक से महिलाओं के मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है या नहीं?

क्या तीन तलाक धार्मिक मसला है?

क्या तीन तलाक इस्लाम का बुनियादी हिस्सा है ?

अगर ये पाया गया कि ये धार्मिक मामला है तो फिर कोर्ट इसमें दखल नहीं देगी। लेकिन अगर ये धर्म का मामला नहीं है तो इस पर सुनवाई भी होगी और फैसला भी आएगा।

तीन तलाक पर ‘कोर्ट के सलाहकार’ सलमान खुर्शीद ने क्या कहा?

खुर्शीद ने अपनी दलील में कहा कि तीन तलाक कोई मुद्दा ही नहीं है क्योंकि तलाक से पहले पति और पत्नी के बीच सुलह की कोशिश होती है। अगर समझौता की कोशिश नहीं हुई तो तीन तलाक सही नहीं माना जाता। तीन तलाक सिर्फ तीन बार तलाक कहने से पूरा नहीं होता बल्कि ये प्रक्रिया तीन महीने तक चलती है। इसपर जस्टिस रोहिंग्टन ने पूछा, क्या तलाक से पहले सुलह की कोशिश की बात कहीं लिखी है, इस खुर्शीद का जवाब था, नहीं।

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वकील क्या बोले?

कपिल सिब्बल ने दलील दी कि तीन तलाक मुस्लिम पर्सनल लॉ का मामला है। कोर्ट को इसमें दखल नहीं देना चाहिए…इसपर सुप्रीम कोर्ट ने पूछ लिया …कि ये पर्सनल लॉ क्या होता है…क्या इसका मतलब शरियत है या कुछ और ?

तीन तलाक पर मोदी सरकार के वकील ने क्या कहा?

सरकार की तरफ से एएसजे पिंकी आनंद ने कहा, तीन तलाक संविधान के खिलाफ है। इस्लामिक मुल्कों में भी इसे खत्म कर दिया गया है। सरकार किसी धर्म के खिलाफ नहीं है। लेकिन सरकार महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करेगी।

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