क्या कहते है मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा के चुनाव परिणाम ?
तीनों ही चुनावी राज्यों में विधानसभा की 60-60 सीटें हैं, लेकिन अलग-अलग वजहों से तीनों में 59-59 सीटों पर ही मतदान हुआ
तीनों ही चुनावी राज्यों में विधानसभा की 60-60 सीटें हैं, लेकिन अलग-अलग वजहों से तीनों में 59-59 सीटों पर ही मतदान हुआ
पूर्वोत्तर के तीन राज्यों मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा के चुनाव परिणाम सामने आ गए है। बीजेपी ने पूर्वोत्तर की परीक्षा में शानदार प्रदर्शन किया है। 25 साल से त्रिपुरा में काबिज माणिक सरकार की लेफ्ट सरकार को बीजेपी की आंधी बहा ले गई है. त्रिपुरा में अपने सहयोगी आईपीएफटी के साथ भाजपा+ ने दो तिहाई बहुमत हासिल कर लिया। वहीं नागालैंड में बीजेपी अपनी सहयोगी के साथ सरकार बनाने की ओर अग्रसर दिखाई दे रही है। उधर, मेघालय में कांग्रेस की सरकार 10 सालों से थी और इस बार वहां त्रिशंकु विधानसभा दिखाई दे रही है। बीजेपी यहां पर भी इस कोशिश में है कि वहां पर बीजेपी की सरकार बने।
त्रिपुरा विधानसभा चुनाव परिणाम 2018:
त्रिपुरा में वर्ष 1993 से ही मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाले वाम मोर्चा की सरकार रही है।पिछली बार 2013 में त्रिपुरा में बीजेपी का खाता भी नहीं खुला था जबकि लेफ्ट को 49 और कांग्रेस को 10 सीटों पर जीत मिली थी।वर्ष 2013 के चुनाव में बीजेपी ने त्रिपुरा में 50 उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से 49 की जमानत जब्त हो गई थी ।मात्र 1.87 फीसदी वोट मिलने के कारण यह पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई थी।विधानसभा चुनाव से ठीक पहले त्रिपुरा में कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर कमल का दामन थामा। इसका भी सीधा फायदा यहां पर बीजेपी को मिला।
नागालैंड विधानसभा चुनाव परिणाम 2018:
नागालैंड में भी त्रिपुरा की तरह कांग्रेस का सफाया हो गया।नगालैंड में बीजेपी इस बार नवगठित नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनावी अखाड़े में उतरी थी। राज्य में अभी नगा पीपल्स फ्रंट यानी एनपीएफ की सरकार थी।ये वही एनपीएफ है जिसके साथ बीजेपी का करीब 15 साल पुराना गठबंधन था। नगालैंड की सत्ता पर नगा पीपल्स फ्रंट 2003 से ही काबिज है नपीएफ ने कांग्रेस को बेदखल करके हासिल की थी।ऐसे में किसी भी दल की अगुआई में बनने वाली सरकार में बीजेपी की हिस्सेदारी हो सकती है।
मेघालय विधानसभा चुनाव परिणाम 2018:
मेघालय में कांग्रेस यहां सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है लेकिन बहुमत के जादूई आकड़े से पीछे है । उसे नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी से कड़ी टक्कर मिल रही है। एनपीपी ने बीजेपी से अलग चुनाव लड़ा था लेकिन बहुमत से पिछड़ने पर वो बीजेपी से गठबंधन कर कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर सकती है।दिलचस्प बात यह है कि एनपीपी और यूडीएफ, दोनों ही केंद्र में एनडीए में शामिल हैं। इसलिए उम्मीद जताई जा रही है कि सबसे बड़ी पार्टी होने के बाबजूद कांग्रेस मेघालय में सरकार दुबारा नहीं बना पाएगी।
वर्ष 2013 के चुनाव में बीजेपी ने इस राज्य में 13 उम्मीदवार उतारे थे, मगर कोई जीत नहीं पाया था। एनपीपी को 32 में से मात्र दो सीटें मिली थीं।
भाजपा के इस प्रदर्शन को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे एतिहासिक जीत करार दिया है।