मोदी सरकार ने खत्म की हज यात्रा पर सब्सिडी, अब यहां खर्च होगा पैसा
सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2012 में केंद्र सरकार को हज सब्सिडी खत्म करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि सरकार को इसे 2022 तक पूरी तरह से खत्म कर देना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2012 में केंद्र सरकार को हज सब्सिडी खत्म करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि सरकार को इसे 2022 तक पूरी तरह से खत्म कर देना चाहिए।
हज यात्रा को लेकर मोदी सरकार ने बड़ा फैसला किया है । केंद्र सरकार ने हज यात्रा पर दी जाने वाली सब्सिडी खत्म कर दी है । केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने सरकार के इस फैसले की जानकारी दी । नकवी कहा कि, 2018 के हज में सब्सिडी नहीं दी जाएगी । उन्होंने कहा कि सब्सिडी हटाने के फ़ैसले से सरकार के 700 करोड़ रुपये बचेंगे और ये पैसा मुस्लिम लड़कियों और महिलाओं को शिक्षा उपलब्ध कराने पर खर्च किया जाएगा। पिछले साल केंद्र सरकार ने हज यात्रा पर जाने वाले मुसलमानों पर 405 करोड़ रुपए खर्च किए थे। ये पैसा हवाई किराए में सब्सिडी के तौर पर दिया गया था ।
इस साल कितने यात्री हज यात्रा पर जाएंगे?
नकवी ने इसके साथ ही बताया कि पिछले साल जहां सवा लाख मुस्लिम हज पर गए थे, वहीं इस बार 1.75 लाख जायरीन हज यात्रा पर मक्का जाएंगे। यह संख्या आजाद भारत के इतिहास में सबसे अधिक है ।
सब्सिडी का पैसा लड़कियों की शिक्षा पर खर्च होगा
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया कि हर साल सरकार की तरफ से हज सब्सिडी के रूप में 700 करोड़ रुपए की राशि दी जाती थी । अब हज सब्सिडी से बचने वाली राशि सिर्फ और सिर्फ मुस्लिम लड़कियों की शिक्षा पर खर्च की जाएगी ।
हज सब्सिडी क्या है?
दुनिया के मुसलमानों की तरह भारत के मुसलमान भी सऊदी अरब हज के लिए जाते हैं। हज के लिए सऊदी अरब हर देश का कोटा तैयार करता है। कोटे के मुताबिक, एक देश से कितने लोग हज पर जा सकते हैं ये तय होता है । भारत में हज सब्सिडी की शुरुआत 1954 में हुई थी और तब से हर साल हज पर जाने वाले मुस्लिमों को हवाई यात्रा व अन्य सुविधाओं में सब्सिडी दी जाती रही है। भारतीय हाजियों की यात्रा के खर्च का कुछ हिस्सा सरकार सब्सिडी के रूप में खुद वहन करती है। ये सब्सिडी उन्हीं हज यात्रियों को मिलती है, जो हज कमेटी के जरिए जाते हैं। बाकी जो प्राइवेट टूर सर्विस के जरिए जाते हैं उन्हें किसी तरह की सब्सिडी नहीं दी जाती है ।
सुप्रीम कोर्टने क्या कहा था ?
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2012 में केंद्र सरकार को हज सब्सिडी खत्म करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि सरकार को इसे 2022 तक पूरी तरह से खत्म कर देना चाहिए। केंद्र सरकार ने इसे करीब 4 साल पहले ही खत्म करने का फैसला सुनाया है ।
कांग्रेस ने क्या कहा ?
कांग्रेस प्रवक्ता मीम अफजल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी 10 साल के अंदर हज सब्सिडी को आहिस्ता-आहिस्ता खत्म करने का निर्देश दिया था लेकिन लेकिन मोदी सरकार ने इसको अचानक और बेहद जल्दी खत्म कर दिया । मोदी सरकार इतनी जल्दी यह फैसला लेकर मुसलमानों को सख्त संदेश देना चाहती है ।
मुस्लिम समुदाय क्या क्या है राय ?
लंबे अर्से से मुसलमानों का एक बड़ा तबका, धार्मिक संस्थाएं और कई सांसद हज सब्सिडी को खत्म करने की मांग करते रहे हैं।आल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने हज सब्सिडी को ख़त्म करने की मांग रखी थी । उन्होंने इस पैसे का इस्तेमाल मुस्लिम महिलाओं की पढ़ाई-लिखाई के लिए किए जाने की वकालत की थी । उन्होंने कहा कि इतनी भी हज सब्सिडी देने का कोई फायदा नहीं है क्योंकि इन चीजों से एयरलाइंस को और दूसरे लोगों को फायदा होता है। ओवैसी ने कहा कि इससे मुसलमान लोग नाराज नहीं होंगे बल्कि उनको अच्छा लगेगा।