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क्यों केजरीवाल सरकार की ‘एक्सीडेंट विक्टिम स्कीम’ देश भर के लिए एक बेहतरीन उदाहरण पेश करती है ?

सड़क दुर्घटना के शिकार व्यक्ति के इलाज़ में जितना भी खर्च आएगा वह सारे खर्च दिल्ली सरकार उठाएगी।

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सड़क दुर्घटना के शिकार व्यक्ति के इलाज़ में जितना भी खर्च आएगा वह सारे खर्च दिल्ली सरकार उठाएगी।

दिल्ली की सड़क पर अगर कोई व्यक्ति दुर्घटना का शिकार होता है तो उसका इलाज़ फ्री में प्राइवेट अस्पताल में कराया जा सकता है। यही नहीं एक्सीडेंट के शिकार व्यक्ति को अस्पताल ले जाने वाले व्यक्ति को दिल्ली सरकार 2000 रुपए की इनाम राशि भी देगी। दिल्ली सरकार ऐसी स्थिति में कितना खर्च वहन करेगी इसकी कोई ऊपरी सीमा तय नहीं की गई है। यानी सड़क दुर्घटना के शिकार व्यक्ति के इलाज़ में जितना भी खर्च आएगा वह सारे खर्च दिल्ली सरकार उठाएगी।  केजरीवाल सरकार की यह योजना दिल्ली और गैर दिल्ली वालो में कोई भी फर्क नहीं करेगी। सरकार दिल्ली या दिल्ली के बाहर के किसी भी व्यक्ति के उपचार का खर्च देगी, जो दिल्ली की सड़क पर किसी दुर्घटना में घायल हो जाता है। सड़क दुर्घटना के पीड़ितों की मदद  करने वाले व्यक्ति को अपनी पहचान बताने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा।अगर दुर्घटना पीड़ितों की मदद करने वाला खुद को चश्मदीद बताता है तो पुलिस द्वारा जांच के दौरान उसे बयान दर्ज कराने के लिए  सिर्फ एक बार पुलिस स्टेशन जाना होगा।

इस योजना के तहत सड़क दुर्घटना के अलावा सड़क पर हुए आग हादसों और तेजाब हमलों के पीड़ितों का भी  निजी अस्पतालों में मुफ्त में इलाज करवाया जा सकता है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि, “ दिल्ली की सीमा में अगर किसी की भी सड़क पर कोई दुर्घटना होती है, चोट लगती है, कोई आग से जलता है या किसी पर तेजाब से हमला होता है तो उसके इलाज का पूरा खर्च दिल्ली सरकार उठाएगी। “ उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में हर साल लगभग 8,000 दुर्घटनाएं होती हैं, जिसमें 20,000 लोग घायल होते हैं। इसमें औसतन 1,600 की मौत हो जाती है।

अभी ज्यादातर सड़क दुर्घटना होने पर पुलिस या दूसरे लोग पीड़ित को सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाते हैं क्योंकि उन्हें ये पता नहीं होता है कि पीड़ित शख्स निजी अस्पताल का खर्च दे पाने की हालत में है या नहीं। सड़क दुर्घटना के बाद के शुरुआती 1-2  घंटे घायल की जान बचाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। कई केस में देखा गया है कि सरकारी अस्पताल  ले जाने के चक्कर में पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु तक हो जाती है। कुछ लोग पुलिस के लफड़े के डर से  दुर्घटना के शिकार व्यक्ति को अनदेखा कर निकल जाते है । इसमें कोई भी शक नहीं की केजरीवाल सरकार की यह पहल सराहनीय है और बेहतर होगा की ऐसी योजना पूरे देश भर में लागू की जाए जिससे पैसे की कमी या पुलिस प्रताड़ना के डर से किसी व्यक्ति की जान ना जाए ।

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