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कौन है मूडीज और इसकी रैंकिंग में सुधार ने मोदी सरकार का मूड क्यों बनाया ?

मूडीज का नाम दुनिया की सबसे बड़ी तीन क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों में स्टैंडर्ड एंड पुअर्स और फिच समूह के साथ शामिल है।

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मूडीज का नाम दुनिया की सबसे बड़ी तीन क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों में स्टैंडर्ड एंड पुअर्स और फिच समूह के साथ शामिल है।

देशों को क्रेडिट रेटिंग देने वाली अमेरिकी रेटिंग्स एजेंसी मूडीज ने 13 साल बाद भारतीय अर्थव्यवस्था की रेटिंग बीएए3 से बढ़ाकर बीएए2 कर दी है। इससे पहले 2004 में देश की रेटिंग सुधारकर ‘बीएए3’ की गयी थी। ‘बीएए3’ न्यूनतम निवेश श्रेणी की रेटिंग है जो ‘जंक’ दर्जे से थोड़ी ही ऊपर है। BAA3 रेटिंग का मतलब होता था कि देश में सबसे कम निवेश वाली स्थिति का होना। यानी अब मूडीज के अनुसार भारत में निवेश का माहौल सुधरा है। मूडीज ने माना है कि इस रैंकिंग में सुधार की वजह भारत द्वारा किए जा रहे आर्थिक और सांस्थानिक सुधार हैं।

कौन है मूडीज ?

मूडीज ग्लोबल रेटिंग एजेंसी है जिसकी  स्थापना 1909 में जॉन मूडी ने की थी। मूडीज का नाम दुनिया की सबसे बड़ी तीन क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों में स्टैंडर्ड एंड पुअर्स और फिच समूह के साथ शामिल है। मूडीज देशो के वित्तीय हालत और साख का आकलन कर उन्हें रेटिंग देती है। मूडीज रेटिंग का असर दुनिया भर के निवेशकों पर पड़ता है। अगर एक देश की रैंकिंग अच्छी होती है तो दुनिया के निवेशक उस देश का रूख करते हैं।

आसन भाषा में समझे तो , अगर आप कोई अनजान जगह जाते है आप एक गाइड रख कर उस जगह के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते है। उसी तरह मूडीज विदेशी निवेशकों के लिए एक गाइड का काम करती है। विदेशी निवेशक मूडीज की रैंकिंग देख कर निवेश किस देश में करे उसका फैसला करते है ।

कैसे मिलती है रेटिंग?

किसी देश को रेटिंग देते समय उस देश की कर्ज चुकाने की क्षमता को ध्यान में रखा जाता है। इसके अलावा देश में आर्थिक सुधारों और उसके भविष्य के प्रभाव को भी ध्यान में रखा जाता है। मूडीज आर्थिक विशेषज्ञों की मदद से देश की रेटिंग तय करती है।

मूडीज की रेटिंग:

मूडीज ने अपने रेटिंग को 9 कैटेगरी (Aaa, Aa, A, Baa, Ba, B, Caa, Ca और C )में बाटा है। Aa से लेकर Caa तक की केटेगरी में 3 ( 1, 2, 3) सब-कैटेगरी भी होती हैं।

अगर किसी देश को Aaa रेटिंग मिली है तो इसका मतलब यह है की वह देश निवेश और क़र्ज़ देने के लिए सबसे पसंदीदा देश है।अगर किसी देश की रैंकिंग  Baa3 से नीचे है तो इसका मतलब है की उस देश में कुछ भी सही नहीं चल रहा है। यानी अगर आपने उस देश को क़र्ज़ दिया या वहां निवेश किया तो आपके पैसे डूबने वाले है।

भारत की पिछली रेटिंग BAA3  का मतलब था की निवेशक भारत में निवेश कर सकते है लेकिन निवेश करना सुरक्षित नहीं माना जा सकता है। रैंकिंग का बढ़ कर BAA3 होना इस बात को दर्शाता है की सरकार की अनुकूल नीतियों के कारण देश में निवेश करना आसान हुआ है।लेकिन शायद सरकार को यह नहीं भूलना चाहिए की अभी भी हमारा देश विश्व के अन्य देशों से काफी पीछे है।हमारी प्रतिदुंदी चीन की रेटिंग हम से 3 पायदान आगे एए3 है। उम्मीद है की 3 पायदान आगे जाने में हमारे देश को अगले  39 साल का इंतज़ार नहीं करना होगा !

मूडीज की रैंकिंग का महत्व :

मोदी सरकार मूडीज की क्रेडिट रेटिंग पर काफी खुश है और आने वाले गुजरात और हिमाचल चुनाव में पार्टी इस रेटिंग को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी ।सवाल अब यह उठता है की इस रैंकिंग का महत्व क्या है ?

मूडीज की रैंकिंग किसी देश के आर्थिक सेहत का संकेत देती है। इसका फायदा उठा कर मोदी सरकार बाहर की कंपनियों  को हमारे देश में निवेश करने के लिए आसानी से मना सकती है।इससे प्रधानमंत्री मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट मेड इन इंडिया को फ़ायदा होने की उम्मीद भी की जा रही है।

अच्छी रेटिंग का एक और फायदा यह होता की देश को कर्ज सस्ती ब्याज दरों पर मिल जाता है।इसके साथ तमाम संसाधन आसान शर्तों पर मिलने लगते हैं।

मूडीज ने क्यों बढ़ाई भारत की रैंकिंग:

मूडीज ने कहा है कि रेटिंग में ये सुधार नोटबंदी, जीएसटी, बैंकरप्सी कानून, एनपीए कम करने के लिए बैंकों को पूंजी देने, आधार से जुड़ी डायरेक्ट बेनिफिट स्कीम जैसे सुधारों के चलते किया गया है।मूडीज ने कहा कि मोदी सरकार के द्वारा जो सुधार किए गए हैं, उनका असर लंबे समय के बाद दिखेगा। मूडीज का अनुमान है कि भारत की जीडीपी ग्रोथ मार्च 2018 तक 6.7 फीसदी होगी और 2019 में 7.5 फीसदी रहना संभव है। तो वहीं साल 2020 के बाद वृद्धि की रफ्तार में तेज बढ़त संभव है।

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