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राहुल गांधी ने वसुंधरा राजे को क्यों कहा,” मैडम, ये 21वीं सदी है, 1817 नहीं”

इस बिल के पारित होने के बाद किसी भी सांसद,विधायक,जज या मजिस्ट्रेट के खिलाफ जांच करना मुश्किल हो जाएगा।

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इस बिल के पारित होने के बाद किसी भी सांसद,विधायक,जज या मजिस्ट्रेट के खिलाफ जांच करना मुश्किल हो जाएगा।

वसुंधरा सरकार  के विवादित अध्यादेश को लेकर सियासी गलियारों में चल रहे आरोप-प्रत्यारोप के बीच कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर निशाना साधा है।राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा,”मैडम चीफ मिनिस्टर , पूरी विनम्रता से मैं कहना चाहता हूं कि हम 21वीं सदी में हैं, यह 2017 है, 1817 नहीं।”

राहुल ने अपने ट्वीट में 1817  क्यों किया उल्लेख ?

1794 से 1827 तक ग्वालियर में दौलतराव सिंधिया का शासन था।राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का सिंधिया घराने से खून का रिश्ता है।अंग्रेजों ने पिंडारियों के दमन के लिए 1816 में सिंधिया राजघराने से सहायता मांगी।एक वर्ष बाद 1817 में पूर्ण सहयोग का वादा करते हुए अंग्रेजों और सिंधिया घराने के बीच ग्वालियर की संधि हुई।

क्या है अध्यादेश में?

बता दें कि वसुंधरा सरकार भारतीय दंड संहिता में संशोधन के लिए एक अध्यादेश लेकर आई है, जिसे सोमवार से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में बिल के रूप में पारित किया जाएगा। यह अध्यादेश किसी भी सांसद,विधायक,जज या मजिस्ट्रेट के खिलाफ जांच करना मुश्किल कर देगी।  इस अध्यादेश के मुताबिक , अगर कोई व्यक्ति इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराता है तो पहले सरकार से उसकी मंजूरी लेनी होगी।सरकार 180 दिनों के अंदर मामले की छानबीन करने के बाद मंजूरी देगी या उसे खारिज करेगी। अगर 180 दिनों में ऐसा नहीं करती है तो माना जाएगा कि सरकार ने जांच की मंजूरी दे दी है।

यही नहीं, जब तक एफआईआर नहीं होती, प्रेस में आरोपी की तस्वीर, नाम, पता और परिवार की जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा सकेगी। इन नियमों का उल्लंघन करने वाले को दो सालों की सजा दिए जाने का प्रावधान रखा गया है।

आप नेता कुमार विश्वास ने तो इस अध्यादेश के मुद्दे पर वसुंधरा राजे की तुलना उत्तर कोरिया के सनकी तानाशाह किम जोंग उन से कर डाली है। 

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