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‘टेररिस्तान’ पर सुषमा स्वराज का सर्जिकल स्ट्राइक

भारत ने आईआईटी, आईआईएम बनाए। हमने एम्स जैसे अस्पताल बनाए। हमने स्पेस में इंटरनेशनल संस्थान बनाए लेकिन पाकिस्तान वालों आपने क्या बनाया? आपने लश्कर-ए-तैयबा बनाया, जैश-ए-मोहम्मद बनाया, आपने हक्कानी नेटवर्क बनाया।

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भारत ने आईआईटी, आईआईएम बनाए। हमने एम्स जैसे अस्पताल बनाए। हमने स्पेस में इंटरनेशनल संस्थान बनाए लेकिन पाकिस्तान वालों आपने क्या बनाया? आपने लश्कर-ए-तैयबा बनाया, जैश-ए-मोहम्मद बनाया, आपने हक्कानी नेटवर्क बनाया।

संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने चुन चुनकर पाकिस्तान पर हमला बोला। पाकिस्तान को ऐसे शब्दों में लताड़ा कि अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान पूरी तरह बेनकाब हो गया। अपने 17 मिनट के भाषण में सुषमा ने 10 मिनट आतंकवाद पर बात की और 6 मिनट सिर्फ पाकिस्तान को जमकर कोसा। अपने इस भाषण में सुषमा ने पाकिस्तान को पूरी तरह धो डाला।

सुषमा का पहला शक्ति प्रहार

“भारत ने आईआईटी, आईआईएम बनाए। हमने एम्स जैसे अस्पताल बनाए। हमने स्पेस में इंटरनेशनल संस्थान बनाए लेकिन पाकिस्तान वालों आपने क्या बनाया? आपने लश्कर-ए-तैयबा बनाया, जैश-ए-मोहम्मद बनाया, आपने हक्कानी नेटवर्क बनाया। हिज्बुल-मुजाहिदीन बनाया। आतंकी ठिकाने और टेररिस्ट कैम्प बनाए। हमने स्कॉलर्स, साइंटिस्ट, इंजीनियर्स पैदा किए। पाकिस्तान वालो! आपने क्या पैदा किया? आपने दहशतगर्द और आतंकवादी पैदा किए। डॉक्टर्स मरते हुए लोगों की जिंदगी बचाते हैं और जिहादी जिंदा लोगों को मार डालते हैं। लेकिन आपका जिहादी संगठन केवल भारत के लोगों को नहीं मार रहा, वह हमारे पड़ोसी अफगानिस्तान और बांग्लादेश के लोगों को भी मार रहा है।”

 सुषमा का दूसरा शक्ति प्रहार

”भारत और पाकिस्तान साथ-साथ आजाद हुए थे। हमारी पहचान आईटी और सुपर पावर के तौर पर बनी, लेकिन अब्बासी साहब! (पाकिस्तान के पीएम), पाकिस्तान की पहचान एक दहशतगर्त मुल्क के तौर पर क्यों बनी, आपने कभी सोचा। इसकी एक ही वजह है कि भारत में चाहे कोई भी सरकार रही हो, पाक की आतंकवाद की चुनौतियों का सामना करते हुए भी हमने अंदरूनी विकास की गति नहीं रुकने दी।”

सुषमा का तीसरा शक्ति प्रहार

– ”हम तो गरीबी से लड़ रहे हैं, लेकिन हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान हमसे लड़ रहा है। परसों इसी मंच से बोलते हुए पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम शाहिद खाकान अब्बासी ने भारत पर तरह-तरह के इल्जाम लगाए थे। हमें स्टेट स्पॉन्सर टेररिज्म फैलाने का जिम्मेदार भी बताया और मानवाधिकार उल्लंघन का आरोपी भी। जिस समय वो बोल रहे थे, तो सुनने वाले बोल रहे थे- लुक हू इज टॉकिंग। जो मुल्क हैवानियत की हदें पार करके सैकड़ों बेगुनाहों को मौत के घाट उतरवाता है, वो यहां खड़ा होकर हमें इंसानियत का सबक सिखा रहा था, हमें मानवाधिकार का पाठ पढ़ा रहा था।”

सुषमा का चौथा शक्ति प्रहार

“पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम ने कहा कि मोहम्मद अली जिन्ना ने पाकिस्तान को दोस्ती और शांति की विदेश नीति विरासत में दी थी। मैं उन्हें याद दिलाना चाहूंगी कि शांति और दोस्ती की नीति मोहम्मद अली जिन्ना ने विरासत में दी या नहीं दी, ये तो इतिहास बहुत अच्छी तरह जानता है। लेकिन, ये एक सच्चाई है कि प्रधानमंत्री मोदी ने शांति और दोस्ती की नीयत जरूर दिखाई थी। उन्होेंने सारी रुकावटों को पार करते हुए दोस्ती का हाथ आगे बढ़ाया, किंतु कहानी किसने बदरंग की? अब्बासी साहब इसका जवाब आपको देना है, मुझे नहीं।”

सुषमा का पांचवां शक्ति प्रहार

”पाकिस्तान वालों जो पैसा आतंकियों की मदद के लिए खर्च कर रहे हो, उसे अवाम और मुल्क की तरक्की के लिए करो तो दुनिया का आतंकवाद से पीछा छूट जाएगा और आपके मुल्क का विकास हो सकेगा। हम पाकिस्तान से बातचीत चाहते हैं। इसके लिए 9 दिसंबर, 2015 को हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में जब मैं इस्लामाबाद गई तो नए सिरे से कॉम्प्रिहेंसिव बायलैटरल डायलॉग शुरू करने की बात हुई थी। बाईलेटरल शब्द जानबूझकर डाला गया था, लेकिन वो सिलसिला आगे क्यों नहीं बढ़ा, इसके जवाबदेह आप हैं अब्बासी साहब, मैं नहीं।“

सुषमा के इस भाषण के बाद प्रधानमंत्री ने विदेश मंत्री की जमकर तारीफ की। अपने ट्वीट में पीएम मोदी ने लिखा कि सुषमा स्वराज ने आतंकवाद के खतरे का बखूबी से बयान किया है।पाकिस्तान में भी सुषमा स्वराज की भाषण कला की प्रशंसा हो रही है।

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