मुंबई में ‘टाइम बम’! एक लाख लोगों को अपने घर में ही खतरा
ये हादसा और भी बड़ा हो सकता था। वो तो शुक्र है कि इमारत एक घंटे पहले गिर गई।
ये हादसा और भी बड़ा हो सकता था। वो तो शुक्र है कि इमारत एक घंटे पहले गिर गई।
मुंबई के डोंगरी इलाके में सुबह आठ बजकर चौबीस मिनट एक बम जैसा धमाका हुआ और नींद उड़ गई । आंखें खुली तो धुएं का गुबार था और मौत की चीख सुनाई दे रही थी। मौत की गिनती शुरू हुई तो बीस के पार पहुंच गई। ये हादसा और भी बड़ा हो सकता था। वो तो शुक्र है कि इमारत एक घंटे पहले गिर गई।
इस इमारत की पहली मंजिल पर एक प्ले स्कूल चलता था, उसमें तीस से ज्यादा बच्चे पढने आते थे। छोटे मासूम बच्चे सुबह नौ बजे स्कूल पहुंचना शुरू कर देते थे। अगर हादसा एक घंटे बाद हुआ होता तो मासूम बच्चों की जान जा सकती थी। ये इमारत सौ साल से भी ज्यादा पुरानी थी, मकान खाली करने का नोटिस मिल चुका था। ज्यादातर परिवार जा चुके थे, लेकिन पांच परिवार अभी भी रह रहे थे।
आखिर क्यों गिरी इमारत?
बताया जा रहा है कि मुंबई में पिछले दो दिनों में हुई बारिश के चलते ये इमारत ढह गई ।इस इमारत के बेसमेंट में मिठाई बनाने का किचन और गोदाम था। आशंका है कि रात को यहां पर पन्द्रह से बीस लोग सोये थे। सबसे ज्यादा नुकसान इन्हीं लोगों का हुआ। दूसरी और तीसरी मंजिल खाली थी। चौथे और पांचवे फ्लोर पर परिवार रहते थे।
मुंबई की हुसैनी मंज़िल में जो हुआ वो पूरे मुंबई के लिए खतरे की घंटी बजा रही है। बीएमसी के एक सर्वे के मुताबिक मुंबई के एक हज़ार इमारतें कभी भी भरभराकर गिर सकती हैं। 790 इमारत तो ऐसी हैं जो रहने लायक नहीं हैं, फिर लोग रहते हैं।
मुंबई में ऐसा एक महीने में तीसरी बार हो चुका है। 25 जुलाई को घाटकोपर में एक बिल्डिंग के गिरने से 17 लोगों की मौत हो गई थी। अब मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि खतरनाक इमारतों में रहने वालों को जबरदस्ती निकाला जाएगा। सबसे पहले सी वन श्रेणी के मकान खाली कराने होंगे क्योंकि सबसे ज्यादा खतरा इनपर मंडरा रहा है। C-2 ऐसी कैटेगरी है जो मरम्मत बाद ठीक हो सकती है। सीवन कैटरी में से 186 इमारतों को गिराया गया है। 117 इमारतों को मार्च तक खाली कराने का आदेश मिला है।