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प्रधानमंत्री मोदी जी हिंसा की निंदा करने की कोई जरूरत नहीं है , आपके CM की करनी और सांसद की कथनी बिल्कुल निंदनीय नहीं है

चिंता की कोई बात नहीं है प्रधानमंत्री मोदी जी आज भी दुर्योधन और दुःशासन जैसे शिष्य हमारे देश में है जो अपने गुरु के आन ,मान और शान पर ऊँगली उठने पर विद्वंश करने से पीछे नहीं हटेंगे ।

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चिंता की कोई बात नहीं है प्रधानमंत्री मोदी जी आज भी दुर्योधन और दुःशासन जैसे शिष्य हमारे देश में है जो अपने गुरु के आन ,मान और शान पर ऊँगली उठने पर विद्वंश करने से पीछे नहीं हटेंगे ।

हरियाणा में आज वह हुआ जिसका अंदाजा पूरे देश को था । टीवी न्यूज़ चैनल और अखबार 2-3 दिनों से डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह के लाखों समर्थको के पंचकुला और सिरसा में होने पर चिंता व्यक्त कर रहे थे । लेकिन हमारे देश का दुर्भाग्य ये है की चिंता जिसे करनी चाहिए वह निचिंत रहते है और जो चिंतित है वे चिंतित रहने के अलावा कुछ और करने में शायद सझम नहीं होते ।

हरियाणा में सुरक्षा के पुख्ता अंजाम करने वाले वादे इलेक्शन में किये वादे से जल्दी टूट गए । पुलिस प्रशासन के अफसर कह रहे थे की सेना और अर्द्ध-सैनिक बलों को तैनात किया गया है और धारा 144 लगाई गई है । आज से पहले मैने किताबों में पढ़ा और लोगों से सुना था की अगर 144 की धारा लगी हुई हो तो अपने घरवालों और दोस्तों के साथ नहीं निकलना क्योंकि जहाँ धारा 144 लगी होती है वहां चार या उससे ज्यादा लोग एक साथ इक्ठटे नहीं हो सकते । मुझे यह  भी कहा  गया था  की धारा 144 व्यक्ति और धर्म में फर्ख नहीं करता ।  मुख्यमंत्री खट्टर जी मैं आपका धन्यवाद करना चाहता हूँ की आपने मेरे बचपन के ज्ञान को गलत को साबित किया । टीवी पर जो मैंने देखा उससे साफ़ था की धारा 144 लगने के बाद भी पंचकुला और सिरसा में बड़ी संख्या में डेरा समर्थक एक साथ दिख रहे थे । मुख्यमंत्री जी आप अपने मंत्री रामविलास शर्मा जी को भी मेरे तरफ से धन्यवाद कह दीजियेगा क्योंकि उनके कहने पर की – धारा 144 राम रहीम के समर्थकों पर लागू नहीं होता है ।” मुझे ज्ञान हुआ की हमारे संविधान में लिखी गई धराए व्यक्तियों की बीच भेदभाव करती है ।भविष्य में अगर मुझ पर किसी प्रकार की धारा लगी तो में अपना परिचय और धर्म पुलिसवालों को जरूर बताऊंगा शायद ऐसा करने से मेरे उपर लगी धारा माफ़ कर दी जाए ।

मुख्यमंत्री जी मेरे एक दोस्त ने कहा की आपकी सरकार और पुलिस ने आज काबिले-तारीफ काम किया है । लाखों की तादाद में लोग बाबा राम रहीम के लिए जान देने और लेने के लिए तैयार थे । अगर राम रहीम के पक्ष में फैसला नहीं आया और उपद्रव में 25-30 लोगों की जान चली ही गयी तो क्या हो गया ? इस से ज्यादा जान तो अभी कुछ दिन पहले उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन हादसे में चली गयी । मेरे मित्र ने मुझे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी के उस कथन की याद दिलाई जो उन्होंने इंदिरा गांधी की हत्या के बाद  कहा था,-“ जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है। मेरे मित्र के इस कथन ने मुझे मानने को मजबूर कर दिया की गुरमीत राम रहीम सिंह कोई आम आदमी नहीं है । वे तो खुद को भगवान मानते भी है। अगर हरियाणा में सरकार बाबा की संस्थान डेरा सच्चा सौदा की मदद के बिना बनाना मुश्किल है, तो वे आपके भगवान तो हुए ही ना । क्योंकि हमें यही तो सिखाया जाता है की जो हमारी मदद करता है वह भगवान होता है । मुख्यमंत्री जी अब मुझे आप से कोई शिकायत नहीं है ।मैं समझ गया की अतीत में हुए घटनाएं जैसे हिसार में बाबा रामपाल को गिरफ्तार करने के दौरान 6 लोगों की मौत या जाट आरक्षण आंदोलन के वक्त सार्वजनिक संपत्ति के भारी नुकसान के साथ-साथ 30 लोगों की जान जाना में भी आपका कोई दोष नहीं रहा होगा ।

 

माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी मैंने पहले सोचा की आप से आपके मित्र और हरियाणा के मुख्यमंत्री की त्यागपत्र की माँग करूँगा लेकिन यह लेख लिखते लिखते मुझे एहसास हो गया की आपका मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर विश्वास जता कर बिना कोई प्रशाशनिक अनुभव होते हुए भी उन्हें CM जैसे महत्वपूर्ण पद देना एक सही निर्णय था । आपके पुराने निर्णय ने मुझे आज एक निजी सिख भी दी और उन लोगों के मुंह  पर भी एक जोर का तमाजा जड़ दिया जो कहते फिरते है –“ बड़े काम करने के लिए अनुभव होना जरूरी है ।“

माननीय प्रधानमंत्री जी आपने ट्वीट कर घटना की निंदा और हरियाणा सरकार को हर तरह की मदद का वादा किया । आपको तहेदिल से मेरी ओर से शुक्रिया । लेकिन शायद आप पीड़ित लोगों के घाव पर मलहम लगाने में थोड़े लेट हो गए । आपके सहयोगी साक्षी महाराज जो किसी परिचय के मुहताज नहीं है उन्होंने इस बार फिर से बाजी मार ली । अगर सीबीआई की विशेष अदालत के जगह महाराज को ‘महाराज’ की तरह न्याय करना होता तो ना ही बाबा राम रहीम को सजा मिलती ,ना ही पंचकुला और सिरसा के साथ साथ कई और राज्य बाबा के समर्थको के प्रकोप से बच जाते ।  भारत जैसा देश जहाँ गुरु के कहने मात्र से एक शिष्य अपना अंगूठा उसे समर्पित कर देता था वहां आज गुरुओ के उपर सरेआम आरोप लगाए जाते है । लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है प्रधानमंत्री मोदी जी आज भी दुर्योधन और दुःशासन जैसे शिष्य हमारे देश में है जो अपने गुरु के आन ,मान और शान पर ऊँगली उठने पर विद्वंश करने से पीछे नहीं हटेंगे ।

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