‘बालू’ और ‘मिट्टी’ सुनकर लालू के बेटे की नींद उड़ गई
नीतीश कुमार की नई सरकार दो पुरानी फाइल खंगाल रही है। इन दो फाइलों के खुलने से लालू यादव के दोनों बेटे बेचैन हैं । एक फाइल है मिट्टी घोटाले की और दूसरी है बालू माफिया की।
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने उस केस की फाइनल वन विभाग से मंगवा ली है जिसका खुलासा उन्होंने तब किया था जब वो विपक्ष के नेता थे। चार अप्रैल को प्रेस कांफ्रेंस में सुशील मोदी ने लालू परिवार के मॉल की मिट्टी बिहार के वन विभाग को बेचने का आरोप लगाया था। पटना में लालू परिवार एक मॉल बनवा रहा था, मॉल बनाने के लिए खुदाई में निकली मिट्टी बिहार के विन विभाग को 90 लाख रुपए में बेचने का दावा किया गया था। ये मिट्टी पटना चिड़ियाघर में में भेजी और पैसे लिए गए। जब ये हुआ उस वक्त लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप बिहार के वनमंत्री थे।
सुशील मोदी ने जब ये मुद्दा उठाया तो तुरंत जांच हुई और तेज प्रताप पर लगे आरोपों को गलत बता दिया गया। लेकिन अब तीन महीने बाद अब सुशील मोदी उसी विभाग के मंत्री हैं जो पहले तेज प्रताप के पास था। दोबारा उस केस की जांच शुरू हो गई है।
मिट्टी के बाद बात बालू की। मुख्यमंत्री वही हैं, लेकिन सरकार नई है। बालू माफिया पर एक्शन शुरू हो चुका है। पटना के एसएसपी मनु महाराज की टीम लगातार छापे मार रही है। पटना से सटे दानापुर और बिहटा से रेत से लदे 150 से ज्यादा ट्रक पकड़े गए हैं। साढ़े पांच लाख रुपए कैश बरामद हुए और बड़ी संख्या में नकली चालान जब्त किए गए। 59 लोगों को हिरासत में लिया गया और कुछ बड़े माफिया के नाम खुलने वाले हैं।