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ग्लोबल टेररिस्ट सलाउद्दीन कभी एमएलए बनना चाहता था, उसकी दस अनसुनी बातें

सलाउद्दीन हिज्बुल मुजाहिद्दीन का मुखिया है।कश्मीर में सबसे ज्यादा कत्लेआम सलाउद्दीन के संगठन ने मचाया है।मोदी और ट्रंप की मुलाकात से पहले ही अमेरिका ने सलाउद्दीन ग्लोबल टेररिस्ट माना।

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सलाउद्दीन हिज्बुल मुजाहिद्दीन का मुखिया है।कश्मीर में सबसे ज्यादा कत्लेआम सलाउद्दीन के संगठन ने मचाया है।मोदी और ट्रंप की मुलाकात से पहले ही अमेरिका ने सलाउद्दीन ग्लोबल टेररिस्ट माना।

आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन का चीफ  सैयद सलाउद्दीन पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद में रहता है। उसका असली नाम सैयद मोहम्मद यूसुफ शाह है। उसका जन्म 18 फरवरी 1946 को जम्मू-कश्मीर के बड़गाम में हुआ। 1987 में उसने मुस्लिम यूनाइटेड फ्रंट के टिकट पर जम्मू-कश्मीर में विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था. लेकिन वो चुनाव हार गया।

इसके बाद कश्मीर में 1989 में हिंसा का सिलसिला शुरू हुआ और सलाउद्दीन को गिरफ्तार किया गया। एक साल बाद यूसुफ शाह ने अपना नाम बदलकर  सैयद सलाउद्दीन बन गया। इसके बाद वो पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद भाग गया और वहां उसने हिज़्बुल मुजाहिद्दीन नाम का संगठन बनाया।

साल 2012 में सलाउद्दीन ने कबूल किया की कश्मीर में आतंकवादियों के पीछे पाकिस्तान है। सलाउद्दीन यह कहता रहा है कि वो कश्मीर को ‘भारत के फौजियों की कब्रगाह’ बना देगा। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI सलाउद्दीन को पैसे और आतंकवादी दोनों सप्लाई करती है। पीओके के मुजफ्फराबाद और पाकिस्तान के इस्लामाबाद में पाकिस्तान की तरफ से उसे एक आलीशान घर दिया गया है।

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