किसानों के आक्रोश की ये आग बुझती क्यों नहीं?
किसान आंदोलन की आग मध्य प्रदेश में फैलती जा रही है। मंदसौर, खरगौन, देवास के बाद आक्रोश की ये आग राज्य की राजधानी भोपाल तक पहुंच गई है। सबसे खराब हालत मंदसौर में है। फायरिंग में पांच किसानों की मौत के बाद भीड़ बेकाबू है, जिले के कलेक्टर को पीटा गया। थाने में घुसकर हंगामा किया गया। गाड़ियां जला दी गई। फायरिंग में मारे गए एक शख्स के अंतिम संस्कार के वक्त भीड़ सीधे पुलिस से भिड़ गई। मीडिया के पत्रकारों को पीटा गया, जितनी पुलिस थी, उससे ज्यादा भीड़ दिखी। कर्फ्यू के बावजूद हालात बदतर होते जा रहे हैं। मंदसौर शांत भी नहीं हुआ था कि देवास के सोनकच्छ से हिंसा की खबर आई। यहां चार्टर्ड बस में आग लगा दी। बस में बच्चे भी बैठे थे। बच्चों के माता पिता ने किसी तरह बच्चों को बाहर निकाला। देवास के बाद खरगौन से भी बुरी खबर आई। खरगौन में भी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। दोपहर होते होते भोपाल में भी आगजनी हो गई। ये आग थमने के बजाय शहर-शहर में फैलती जा रही है। कांग्रेस ने बंद का आह्वाहन किया था। लेकिन पुलिस ने राहुल गांधी को मंदसौर जाने की इजाजत नहीं दी। अब राहुल गांधी कल मंदसौर जा सकते हैं।
मध्य प्रदेश में आक्रोश की आग क्यों?
इस आंदोलन की शुरुआत महाराष्ट्र से हुई थी। लेकिन पांच दिन में आग मध्य प्रदेश पहुंच गई। मध्य प्रदेश में भी किसानों ने भी कर्ज माफी और फसल के लिए मिनिमम सपोर्ट प्राइस तय करने की मांग की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मिनिमम सपोर्ट प्राइस की मांग मान ली थी , लेकिन कर्ज माफी की मांग मानना संभव नहीं था। इसलिए आंदोलन बढ़ता चला गया।