कश्मीर का हीरो आतंकी बुरहान नहीं, शहीद फैय्याज हैं
लेफ्टिनेंट उमर फैयाज को जब अगवा किया गया था, तब वह छुट्टियों पर थे और अपनी चचेरी बहन के निकाह मेंशामिल होने गए थे।
लेफ्टिनेंट उमर फैयाज को जब अगवा किया गया था, तब वह छुट्टियों पर थे और अपनी चचेरी बहन के निकाह मेंशामिल होने गए थे।
कश्मीर में छिपे आतंकवादियों ने एक कश्मीरी की ही हत्या कर दी। 23 साल का लेफ्टीनेंट उमर फैय्याज अपने कश्मीर से प्यार करता था । अपने मुल्क से उसे मोहब्बत थी। ये फौजी अफसर पहली बार छुट्टी पर घर आया था। वो अपनी चचेरी बहन के निकाह में शामिल था, लेकिन निकाह के दौरान ही आतंकवादियों ने उसे किडनैप कर लिया। अगले दिन फैय्याज का शव मिला। उसके शरीर पर 6 गोलियां दागी गई थी। वो अपने कश्मीर के लिए शहीद हो गया। ये वारदात उस शोपियां में हुई जहां पत्थरबाजी होती है। कश्मीर का एजेंडा चलाने वाले आतंकवादी ने एक निहत्थे कश्मीर को गोलियों से भून डाला। जो नौजवान अपने बहन की शादी में शरीक होने आया था, बहन ससुराल पहुंचती इससे पहले ही उस नौजवान की लाश मिली। ये कश्मीर के लिए सोचने का वक्त है। एक आतंकवादी बुरहान के मरने के बाद कश्मीर अशांत हुआ था, अब एक फैय्याज की हत्या हुई है। क्या इस कत्ल के बाद कश्मीर के लोग आतंकवादियों के असली इरादे को नहीं समझेंगे? शहीद फैय्याज को आर्मी ने सलामी दी, उसे विदा किया गया। आर्मी ने कसम खाई है जिसने देशभक्त फैय्याज को मारा, उसे नहीं छोड़ेंगे।